Wednesday 30 August 2017

मुंबई...

मुंबई...
तुझे 'बीएमसी' पर भरोसा नहीं क्या...
बारिश की बूंदे लगे तुझे गोल-गोल...
छोटे-छोटे गड्ढे लगते तुझे "मैनहोल"
मुंबई...तुझे..


Friday 25 August 2017

"गणपति बाप्पा मोरया"


"गणपति बाप्पा मोरया"


मन में हर्ष है। एक नई उमंग है। हाथों में एक नई कलाकृति है, एक नई सोच। निर्मित आकृति छोटी या बड़ी हो सकती है। बहुत सुन्दर या उससे कमतर हो सकती है। बावजूद इसके मन का सहज-सरल है। जैसा की बाल्यावस्था में होता है। न राग न द्वेष। न कोई लोभ न मोह। जिसे मेरे गुरू, मेरे नाना स्वर्गीय रामचंद्र रघुनाथ करंदीकर कलात्मक वैराग्य कहते थे।
बस निरंतर एक ही जाप "ओम गं गणपतयेनमः" कब मैं अपने इष्ट के दर्शन करूं और कब उन्हें अपनें हाथं से सजा पाऊं।
एक इच्छा रहती है कि हर साल मैं अपने, बाप्पा श्री गणेश को नए आकार, नए प्रकार, नई प्रकृति, नई विषय वस्तु के साथ देख सकूं। श्री गणेश ने मेरी यह इच्छा इस वर्ष भी पूर्ण की है। जो आपके सामने हैं। आप इसका मूल्यांकन करने को स्वतंत्र है। मैं तो बस एक निमित्त हूं। इसे साकार करने के लिए...
।।जय श्री गणेश।।











Thursday 10 August 2017

अंसारी जी के बिगड़े बोल...


अंसारी जी के बिगड़े बोल...




इंदिरा से राहुल तक

" परम संतोष "

आज इस बात का संतोष है कि
मुझे आज़ादी के आंदोलन में कूदने का अवसर
नहीं मिला...अन्यथा मेरी सारी मेहनत
नेहरू-गांधी के खाते में चली जाती
और मैं विपक्ष में बैठ कर घंटी बजा रहा होता...
यहां तक कि मेरी पुश्ते, इंदिरा से राहुल पर्यंत यह ताने सुनते-सुनते ऊब चुकीं होती कि "उस वक्त कुछ ऐसे भी लोग थे, जिनका आज़ादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं रहा।" 🤣🤣

Monday 7 August 2017

Tuesday 1 August 2017


विधायकों को मनाना मुश्किल है